सत्तार खान देवास 9754744455
खातेगांव जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ और लेखापाल को न्यायालय ने सुनाई 7-7 वर्ष की सजा 10-10 हजार रुपए का जुर्माना, अमानत में खयानत के मामले में जनपद सीईओ और लेखापाल पहुंचे जेल की सलाखों के पीछे।
खातेगांव जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ नानूराम अहिरवार एवं लेखापाल रूपेश जनोलिया को शासकीय पद पर रहते हुए जनपद पंचायत खातेगांव को विधायक निधि से मिली 7,50,000 लाख रुपए की राशि अपने खाते में जमा कर आहरण करने के मामले में मंगलवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश माननीय सुश्री सरिता वाधवानी ने दोनों आरोपी गणों को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अपर लोक अभियोजक अमित कुमार दुबे ने बताया कि खातेगांव जनपद पंचायत की सीईओ मनीषा चतुर्वेदी ने 14 अप्रैल 2017 को खातेगांव पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें जनपद पंचायत के पूर्व सीईओ नानूराम अहिरवार एवं तत्कालीन लेखापाल रूपेश जनोलिया के खिलाफ 1 जून से 21 दिसंबर 2016 तक की अवधि में गबन एवं अनियमित भुगतान का मामला दर्ज करवाया गया था। पुलिस जांच में पूर्व सीईओ अहिरवार एवं लेखापाल रूपेश जनोलिया के वित्तीय अनियमितता के आरोप सिद्ध पाए गए। इस पर पुलिस ने आरोपीगणों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। अभियोजन ने यह भी बताया कि उक्त विधायक निधि की राशी जनपद पंचायत को मिली थी जिसका आरोपी गणों ने अपने स्वयं के खाते में जमा कर उसका आहरण कर लिया था। शासकीय पद पर रहते हुए अमानत में खयानत का मामला के दौरान लगभग 26 गवाहों के साक्ष्य न्यायालय ने जुटाए थे । मंगलवार को प्रकरण का फैसला सुनाते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश माननीय सुश्री सरिता वाधवानी ने धारा 409 एवं 120 B में आरोपी गणों को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।