ज
आलीराजपुर शहर के रामदेव मंदिर क्षेत्र साप्ताहिक हाट बाजार की वजह से सोमवार को आम दिनों की अपेक्षा भीड़ अधिक रही। बाजार का दिन होने के बाद भी यातायात व्यवस्था को लेकर कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। प्रतिबंध के बावजूद भारी वाहन की आवाजाही जारी रही। भीड़ के बीच से ट्रक व अन्य बड़े वाहन निकलने और सब्जी की दुकानें रोड पर लगी रहने से यहां दुर्घटना का खतरा मंडराता रहता है, इसके बाद भी यहां यातायात व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिए जाने से कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
सोमवार को लगने वाला हाट बाजार परेशानी का बाजार बन गया है। सुबह करीब 9 बजे से रामदेव मंदिर, पोस्टऑफिस तिराहा,निम चोक, बाजार क्षेत्र में बेतरतीब तरीके से लगने वाली सब्जी की दुकानों से आवाजाही मुश्किल हो जाती है। इससे क्षेत्र के निवासी ही नहीं यहां से गुजरने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सब्जी बाजार के लिए मैदान होने के बाद भी दुकानें सडक पर लगा दी जाती हैं। हाथ ठेले और बाजार में खरीदी के लिए आने वालों द्वारा अपने वाहन भी अव्यवस्थित तरीके से खड़े के कारण आवाजाही चुनौती बन जाती है। पर इस और कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
न बोर्ड, न संकेत चिह्न, धड़ल्ले हो रही भारी वाहनों की एंट्री
शहर की सड़कों पर भारी वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। खास बात तो यह है कि इन वाहनों को रोकने के लिए पुलिस ने बेरिकेड्स भी खड़े किए गए हैं। लेकिन वे इन्हें भी किनारे कर शहर के अंदर प्रवेश कर रहे हैं। भारी वाहनों के प्रवेश से शहर के अंदर ट्रैफिक जाम हो रहा है। लोगों को दो पहिया वाहन से निकलने में 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि ट्रैफिक प्वाइंटों के सामने से भारी वाहन प्रवेश कर रहे। शहर में सुबह 9 बजे से 6 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। बावजूद शहर की सड़कों पर दिन में ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ छोटा हाथी जैसे लोडिंग वाहन दौड़ रहे हैं। भारी वाहनों में लोडिंग-अनलोडिंग -शहर में दिनभर मुख्य सड़क पर भारी वाहन खड़े होते हैं। इसके अलावा शहर में पार्किंग की व्यवस्था न होने से लोग अपने वाहनों को जहां जगह मिलती है वहीं खड़ा कर शॉपिंग करने चले जाते हैं।
कुछ ऐसे ही हालात इस सड़क पर रोजाना देखने को मिलते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से अधिकारियों को जिला सड़क सप्ताह की मीटिंग में बोर्ड व संकेत चिन्ह लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इससे ज्यादा समय बीतने के बाद भी अब तक बोर्ड व संकेत चिह्न नहीं लगे हैं। ऐसे में शहर के कई स्थानों पर भारी वाहनों के कारण लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं।