सत्तार खान सैयद देवास ,9754744455
देवास ~अखिल भारतीय गुर्जर देव सेना ने राष्ट्रमाता पन्ना धाय का स्मारक लगवाने के लिए सरकार से की मांग
राष्ट्रमाता पन्नाधाय का स्मारक खंडवा में स्थापित हो और बूंदी में किसी चौराहे पर उनकी प्रतिमा स्थापित कर चौराहे का नाम माता पन्नाधाय हो पन्नाधाय राष्ट्र गौरव है राष्ट्रमाता है हिंदुओं के लिए गर्व की बात है इसलिए भारत के हर क्षेत्र में जहां राजपूत और गुर्जर बाहुल्य हो वहां जिले और शहर कस्बों में माता पन्नाधाय के नाम से चौराहे और उसकी मूर्तियां अवश्य हो इसमें हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वर्णिम अतीत की प्रेरणादायक जानकारी मिले
भीम सिंह गुर्जर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखिल भारतीय गुर्जर देव सेना ने खंडवा में माता पन्नाधाय स्मारक की मांग गुर्जर देव सेना संपूर्ण गुर्जर समाज और क्षेत्र वासियों की ओर से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों राज्य सरकार और प्रशासन से की है
उन्होंने कहा कि माता पन्नाधाय एक ऐसी महान विभूति थे जिन्होंने राष्ट्र और धर्म के लिए अपने पुत्र का बलिदान दिया ऐसी महान विभूति को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना चाहिए यह केवल गुर्जर समाज के लिए ही गर्व की बात नहीं है बल्कि सभी सनातनी यों और हिंदू समाज के लिए गर्व की बात है। मध्यकाल में जब सभी राज परिवार मुगलों के शरणागत हो चुके थे उस समय मेवाड़ राज्य ही मुगलों की गुलामी से बचा हुआ था लेकिन आपसी लड़ाई के कारण उनकी यह स्वतंत्र रियासत भी गुलामी की ओर मुड़ चुकी थी। इसी लड़ाई में पन्नाधाय ने अपने पुत्र चंदन का बलिदान देकर बालक उदय सिंह राणा को बचाया था। यही उदय सिंह राणा के पुत्र महाराणा प्रताप ने ही फिर राष्ट्र धर्म के लिए लड़ाई लड़ी। जिस कारण हिंदू भारत में अपनी संस्कृति बचाने में कामयाब रहे।
मध्यकालीन भारत की वह तीन महान नारी शक्ति जिनके कारण भारत अपनी संस्कृति को खोने से बच सका था उसमें प्रथम नाम आता है राष्ट्रमाता पन्नाधाय का। दूसरा माता जीजाबाई जिन्होंने छत्रपति शिवाजी जैसे हिंदू हृदय सम्राट को शिक्षित कर हिंदू संस्कृति बचाने के लिए प्रेरित किया और तीसरी नारी शक्ति माता अहिल्या बाई होलकर थी जिन्होंने पूरे भारत में झीलों सेंड मंदिरों का पुनरुत्थान किया। मैं आप सभी लोगों से हर वर्ग के लोगों से माता पन्नाधाय को सम्मान देने का आग्रह करते हुए खंडवा क्षेत्र के सामाजिक बंधुओं से जो की भारी संख्या में निवासरत हैं और अन्य सभी समाज के लोगों से इस राष्ट्रीय विभूति की स्मारक के लिए मिलकर मांग करने का आग्रह करता हूं